2024 में मछली पालन से कमाई कैसे करें – जानिए विस्तार से
अगर आप कृषि क्षेत्र से हैं और एक ऐसा बिजनेस शुरू करना चाहते हैं जो शुरुआत से सफल हो तो आप मछली पालन के बारे में जानिये। यहाँ पढ़िए फिश फार्मिंग की विस्तृत जानकारी।
आजकल, मछली की खेती एक अच्छा बिजनेस माना जा सकता है क्योंकि यह बिजनेस भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में बहुत ही प्रचलित है और अच्छा मुनाफा देता है। आज के दौर में फिश फार्मिंग करके लोग घर बैठे लाखों रूपए कमा रहे हैं। अगर भारत की बात की जाए तो हमारे देश में मछली की काफी ज्यादा मांग भी है लेकिन, अगर आप नौसीखिए हैं तो आप इस बिजनेस में बिलकुल शुरुआत ना करें क्योंकि इसमें एक माहिर और अनुभवी व्यक्ति की जरूरत है।
साथ ही हमने इस ब्लॉग के अंत में एक ऐसे टूल के बारे में बताया है जिसमें आप अपना मछली पालन का पूरा बिजनेस आसानी से मैनेज कर सकते हैं। नीचे दी हुई नीली बटन दबाएं और Lio App डाउनलोड करें।
अगर आप मछली पालन बिजनेस शुरू करने के लिए तैयार हैं तो इस ब्लॉग में आपको इस बारे में पूरी जानकारी मिलेगी, तो अंत तक ज़रूर पढ़ें।
मछली पालन क्या है?
फिश फार्मिंग (पिसीकल्चर) एक बिजनेस मॉडल है, जो मुख्यतः घरेलू और बिजनेस उद्देश्यों के लिए मछलियों के प्रजनन, पालने और परिवहन (Transportation) की एक प्रक्रिया है। दुनियाभर में जब भी स्वस्थ और पौष्टिक भोजन विकल्पों की बात आती है तो मछलियां इस पौष्टिक भोजन की सूची में शीर्ष पर होती हैं क्योंकि इनमें प्रोटीन और अन्य मिनरल काफी ज्यादा मात्रा में होते हैं।
मछली पालन एक प्रचलित प्रकार का पशुपालन है जो खाद्य और आवास की आवश्यकताओं को पूरा करता है। इस बिजनेस के लिए अलग-अलग प्रकार की मछलियों का चयन किया जाता है जैसे कि कार्प, ट्राउट, स्वर्णा मछली, तिलपिया, रोहू इत्यादि। फिश फार्मिंग का बिजनेस आमतौर पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर मछलियों को बेचने के लिए जोखिम उठाते हुए किया जाता है।
मछली पालन के प्रकार
अगर हम फिश फार्मिंग के प्रकार की बात करें तो यह मुख्य तौर पर तीन प्रकार की होती है। नीचे जानें फिश फार्मिंग के प्रकार।
मोनोकल्चर
इस प्रकार के मछली पालन में मछली की एक ही प्रजाति की खेती की जाती है। इस प्रकार की खेती का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें ज्यादा उत्पादन और गुणवत्ता मिलती है। अगर हम इस प्रकार की खेती की मछलियों की बात करें तो ये मछलियां लोगों के बीच काफी लोकप्रिय भी हैं। आमतौर पर, हमारे देश में, मोनोकल्चर मछली का एक सबसे बड़ा उदाहरण झींगा है।
पॉलीकल्चर
पॉलीकल्चर को मिश्रित फिश फार्मिंग भी कहा जाता है। इस प्रकार की फिश फार्मिंग में आप एक ही तालाब में अलग-अलग मछलियों की विभिन्न प्रजातियों को पाल सकते हैं। इस प्रकार के मछली पालन मेंआपको बस यह ध्यान रखना है कि उन मछलियों की खाने की आदतें अलग-अलग होनी चाहिए ताकि हर एक प्रजाति एक सामान्य संसाधन से अलग-अलग भोजन पर जीवित रह सके। यह एकलाभदायक प्रकार की फिश फार्मिंग है।
मोनोसेक्स कल्चर
इस प्रकार की फिश फार्मिंग में आप केवल नर या केवल मादा मछली का पालन कर सकते हैं, दोनों को साथ में नहीं। इस प्रकार के लिए ऐसी मछलियों का एक उदाहरण तिलापिया है।
आगे पढ़िए फिश फार्मिंग के फायदे।
मछली पालन के फायदे
अगर आप इस बिजनेस को शुरू करना चाहते हैं तो उसके पहले आपको इसके फायदों के बारे में पूरी जानकारी होनी ही चाहिए। नीचे हमने मछली पालन के फायदे बताएं हैं, तो अंत तक जरूर पढ़ें।
- फिश फार्मिंग के आप बहुत सारे सामान या संसाधनों की जरूरत नहीं होती, आप आसानी से छोटे स्तर पर इस बिजनेस को शुरू कर सकते हैं।
- फिश फार्मिंग एक सफलतम बिजनेस है, क्योंकि मछलियों की मांग साल के 365 दिन रहती ही है।
- फिश फार्मिंग एक ऐसा बिजनेस है जिससे लोगों को रोजगार मिलता है।
- मछलियों के अनेकों प्रकार होते हैं जो लाभदायक हैं और आप अपनी सुविधा और रिसर्च के अनुसार उन मछलियों को पाल सकते हैं जिनमें आपको ज्यादा लाभ हो।
- फिश फार्म में मछलियां बहुत ही कम समय में बड़ी हो जाती हैं जिन्हें बेचा जा सकता है।
- आप पशु पालन, खेती के साथ-साथ मछली पालन भी कर सकते हैं।
मछली पालन के तरीके
फिश फार्मिंग एक बेहद ही सफलतम और लाभदायक बिजनेस है। अगर आप इस बिजनेस के साथ शुरुआत करना चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए फिश फार्मिंग के तरीकों को पढ़िए।
तालाब में मछलियों का पालन
अगर आप फिश फार्मिंग शुरू करना चाहते हैं तो यह एक सबसे प्रसिद्ध और सरल तकनीक है। इस तकनीक में आप एक छोटे से तालाब या कुएं में मछली पाल सकते हैं। सबसे पहले आपको अपनी इस तकनीक के लिए उचित तालाब का चयन करना होगा, ध्यान रखें यह तालाब अच्छे स्थान पर होना चाहिए और इसमें प्राकृतिक रूप से खाद्य खाने के लिए पर्याप्त वस्तुएं भी होनी चाहिए।
एकीकृत मछली पालन
मछली पालन की इस तकनीक में एक छोटा सा बगीचा उचित स्थान पर तैयार किया जाता है। इसमें एक छोटा सा तालाब होता है, जिसमें मछलियां पाली जाती हैं। इस तरीके में खेती करने वालों को मछली फीड तथा पानी के मैनेजमेंट के बारे में विशेष ध्यान देना होता है।
पिंजरा तकनीक
इस तकनीक में सबसे पहले मेटल के पिंजरों को साफ़ पानी में डुबोया जाता है और इस पिंजरों में मछलियों को रखा जाता है। इस तकनीक के द्वारा मछलियों को कृत्रिम रूप से खिलाने में मदद मिलती है।
गण्डे पानी में मछली पालन: इस तकनीक में, मछलियों को अलग-अलग टंकियों में रखा जाता है जो जीवाणु और अन्य कीटाणुओं से छुटकारा प्रदान करते हैं। यह तकनीक विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में उपयोगी है।
मछली पालन के क्षेत्र में कैसे करें शुरुआत?
जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया है कि इस बिजनेस की शुरुआत कोई भी नया व्यक्ति नहीं कर सकता। फिश फार्मिंग शुरू करने के लिए आपको या तो अनुभवी व्यक्ति की ज़रूरत होगी या तो आपको अपनी जिले या गाँव के कृषि साइंस सेण्टर से ट्रेनिंग लेनी होगी।
नीचे हमने कुछ स्टेप्स बताएं हैं जिसको फॉलो करके आप एक सफल मछली पालन का बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
तालाब का निर्माण
अगर आप फिश फार्मिंग करना चाहते हैं तो आपको गर्मी की शुरुआत यानी कि अप्रैल-मई के समय से तालाब बनाना शुरू कर देना चाहिए। अगर आपको तालाब में फिश फार्मिंग की तकनीक से शुरू करना है तो आप एक छोटा सा तालाब या थोड़ा बड़ा तालाब बनवा सकते हैं. अगर हम तालाब बनाने की प्रक्रिया के बारे में बताएं तो आपको तालाब खुदवाने के बाद कुछ 15-20 दिनों तक उस तालाब दरार पड़ते तक सुखाना चाहिए।
फिर उस तालाब में 300-400 किलो गोबर या मुर्गियों का खाद दाल देना चाहिए और साथ में 40-50 किलो चूना भी डालने के बाद उस तालाब की जुताई करवाकर उसमें पानी भर देना चाहिए। और रही बात तालाब में पानी की तो आपको कम से कम 2 फ़ीट और ज्यादा से ज्यादा 3-4 फ़ीट गहरा तालाब रखना है और उसमें पानी भी उतना ही रखना है। ध्यान रखें कि आपके बिजनेस में पानी सबसे मुख्य है इसलिए पानी की कमी कभी ना हो इसका पूरा ध्यान रखें।
भोजन का चुनाव
फिश फार्मिंग में मछली का चारा इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि यह मछली की वृद्धि, विकास और समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। जंगली मछलियाँ तो अन्य मछलियों, कीड़ों और पौधों सहित विभिन्न प्रकार के जीव-जंतुओं पर निर्भर रहती हैं, लेकिन जब आप मछलियां पालते हैं तो मछलियाँ अक्सर टैंकों या तालाबों तक ही सीमित रहती हैं, जिससे उनके लिए प्राकृतिक रूप से पर्याप्त भोजन प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है।
मछलियों के तेज़ी से बढ़ने और सेहतमंद रहने के लिए आपको उन्हें अच्छे से अच्छे दाने, आहार खिलाना होगा। आप उन्हें सेहतमंद भोजन खिलाएंगे तो वो मछलियां भी तेज़ी से विकसित होंगी और आगे उत्पादन भी अच्छा होगा।
प्रजाति का चुनाव
मछली पालन के इतिहास में देखा गया है कि बहुत से किसान या बिजनेसमेन मछलियों की सही प्रजाति का चुनाव नहीं कर पाते जिस वजह से उन्हें बिजनेस में घाटे का सामना करना पड़ता है।
आपको बाज़ार में या मछलियों की हैचरी में अनेकों प्रजाति की मछली के बीज मिल सकते हैं, पर आपको इस बात का ख़ास ध्यान रखना है कि आपके बाज़ार में या आसपास कौनसी मछलियों की मांग अधिक है और फिर अगर आप उन्हीं मछलियों का पालन करेंगे तो निश्चित रूप से सफल होंगे।
मछलियों की प्रजाति चुनते समय आपको कुछ बातों का ख़ास ध्यान रखना ही चाहिए जैसे – उस मछली की मांग, उस प्रजाति की चारे-दाने की ज़रूरत, रोग सहने की क्षमता इत्यादि। कुल मिलाकर, मछली पालन के सफलता के लिए सही मछली की प्रजाति का चुनाव करना महत्वपूर्ण है, और यह आपके आसपास की परिस्थितियों, बाजार की मांग, फ़ीड आवश्यकताओं, रोग प्रतिरोध और पर्यावरणीय प्रभाव के सावधानीपूर्वक मूल्यांकन पर ही आधारित होना चाहिए।
लाइसेंस प्राप्त करें
भारत में मछली पालन के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है। मछली पालन, मत्स्य पालन विभाग के दायरे में आता है, जो मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। लाइसेंस प्राप्त करने के नियम उस राज्य के आधार पर भिन्न हो सकते हैं जहां मछली पालन का संचालन स्थित है।
भारत में मछली पालन का बिजनेस शुरू करने के लिए निम्नलिखित लाइसेंस और परमिट की आवश्यकता हो सकती है:
फार्म का पंजीकरण: मछली फार्म का संबंधित राज्य के मत्स्य विभाग के साथ रजिस्टर्ड होना आवश्यक है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति मछली फार्म संचालित करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति जरूरी है।
एक्वाकल्चर ऑपरेशन लाइसेंस: यह लाइसेंस किसी भी बिजनेस एक्वाकल्चर गतिविधि को करने के लिए बेहद ज़रूरी है, और यह मत्स्य विभाग द्वारा जारी किया जाता है।
जल उपयोग परमिट: यदि जलीय कृषि के लिए किसी सार्वजनिक स्रोत से पानी का उपयोग किया जा रहा है तो जल उपयोग परमिट की आवश्यकता होती है।
बिजनेस लाइसेंस: यदि किसान मछली को स्थानीय बाजार या प्रोसेसिंग यूनिट में बेचने की योजना बनाता है तो बिजनेस लाइसेंस की आवश्यकता होती है।
यह सलाह दी जाती है कि मछली पालन विभाग या किसी स्थानीय वकील से सलाह ली जाए कि विशिष्ट लाइसेंस और उस विशेष राज्य में आवश्यक परमिट के बारे में जानकारी प्राप्त करें जहां मछली पालन संचालन स्थापित किया जाएगा।
उपकरण प्राप्त करें
खेती हो या किसी भी प्रकार का पशु या मछली पालन, आपको कुछ ना कुछ उपकरण की ज़रूरत होगी ही। नीचे हमने ऐसे ही कुछ उपकरणों के नाम बताये हैं जो आपको फिश फार्मिंग में लगेंगे ही।
जाल: मछुआरे पानी से मछली पकड़ने के लिए जाल का प्रयोग करते हैं। वे मछली के आकार और उस क्षेत्र के आधार पर विभिन्न आकारों के हो सकते हैं जहाँ वे मछली पकड़ रहे हैं।
पंप: मछली किसान पंपों का उपयोग सिस्टम के माध्यम से पानी प्रसारित करने, मछलियों को ऑक्सीजन प्रदान करने और कचरे को हटाने के लिए करते हैं। मछली पालन के संचालन के आकार के आधार पर पंप सबमर्सिबल या बाहरी हो सकते हैं।
टैंक: मछली पकड़ने के लिए टैंक का उपयोग किया जाता है। वे विभिन्न सामग्रियों से बने हो सकते हैं, जैसे कंक्रीट, फाइबरगिलास, या प्लास्टिक, और विभिन्न आकारों और आकारों में आते हैं।
फीडर: नियमित अंतराल पर मछलियों को चारा देने के लिए स्वचालित फीडरों का उपयोग किया जाता है। मछली के आकार और उनकी भोजन आवश्यकताओं के आधार पर उन्हें अलग-अलग मात्रा में फ़ीड देने के लिए सेट किया जा सकता है।
एरेटर्स: एरेटर्स का उपयोग पानी में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने के लिए किया जाता है, खासकर उन स्थितियों में जहां पानी स्थिर है या स्वतंत्र रूप से नहीं बह रहा है।
जल गुणवत्ता परीक्षण उपकरण: मछली किसान पीएच, घुलित ऑक्सीजन, अमोनिया, नाइट्रेट और अन्य जल गुणवत्ता मापदंडों के स्तर की जांच के लिए जल गुणवत्ता परीक्षण उपकरण का उपयोग करते हैं। इससे उन्हें मछली के विकास और स्वास्थ्य के लिए इष्टतम स्थिति बनाए रखने में मदद मिलती है।
कटाई के उपकरण: एक बार जब मछलियाँ कटाई के लिए तैयार हो जाती हैं, तो मछली किसान मछलियों को पानी से पकड़ने और निकालने के लिए जाल, जाल और कटाई मशीनों जैसे उपकरणों का उपयोग करते हैं।
सुरक्षात्मक गियर: मछली किसानों को पानी से होने वाली बीमारियों, तेज उपकरण और चरम मौसम की स्थिति से खुद को बचाने के लिए सुरक्षात्मक गियर जैसे दस्ताने, बूट और वैडर आवश्यक हो सकते हैं।
मछली पालन के लिए जरूरी चीजें
मछली पालन के लिए कुछ जरूरी चीजें होती हैं, जैसे की:
जगह
सबसे पहले आपको एक सही जगह की तलाश करनी होगी। एक अच्छा मछली पालन के लिए जल जगह कम से कम 1 एकड़ की होनी चाहिए।
मछली के बीज
मछली पालन के लिए मछली के बीज बहुत जरूरी होते हैं। आपको ये बीज मछली पालन के अनुभव लेने चाहिए।
पानी की शुद्धाता
मछली की शुद्धि के लिए जल की शुद्धि बहुत जरूरी है। आपको इसके लिए एक जल शुद्धिकरण प्रणाली का प्रयोग करना चाहिए।
मछली के लिए खाना
मछली के लिए खाना बहुत जरूरी है। आपको मशीनों के लिए ऐसी खुरक देनी चाहिए, जिससे उनकी सेहत अच्छी रहे।
मछली पालन के लिए प्रक्रिया
मछली पालन के लिए कुछ प्रक्रिया होती हैं, जैसे की:
जल जगह की तैयारी: सबसे पहले आपको एक सही जल जगह की तैयारी करनी होगी। आपको एक अच्छी जल शुद्धिकरण प्रणाली का प्रयोग करना चाहिए।
मछली के बीज ख़रीदना: मछली पालन के लिए मछली के बीज खरीदना बहुत जरूरी है। आपको मछलीयों के बीज मछली पालन के अनुभव वालें से खरीदना चाहिए।
बीज को जल में डालना: मछली के बीज को जल में डालना बहुत जरूरी है। आपको बीज को ध्यान से रखना चाहिए, ताकी ये ठीक से आगे खातिर।
मछलियों को खुराक देना: मछली के लिए खाना बहुत जरूरी है। आपको मशीनों के लिए ऐसी खुरक देनी चाहिए, जिससे उनकी सेहत अच्छी रहे।
मछली को संभलना: मछलियों को संभालना बहुत जरूरी है। आपको मछलियों की सेहत और उनकी नस्लों के बारे में ध्यान रखना चाहिए।
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मछली पालन के बारे में अब तक तो आपने जान लिया होगा, अब आपको हम एक ऐसे टूल के बारे में बताने वाले हैं जिसमें आप अपना पूरा बिजनेस के डाटा और लाइफ के पर्सनल डाटा आसानी से मैनेज कर सकते हैं।
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Step 4: इन सब के बाद आप चाहें तो अपना डाटा शेयर करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
सबसे जल्दी तैयार होने वाली मछली कौन सी है?
अगर भारत की बात की जाए तो सबसे जल्दी बढ़ने और तैयार हो जाने वाली मछली है कतला। मछली की यह प्रजाति बिलकुल भी हिंसक नहीं होती है और यह ज्यादातर बांग्लादेश और बंगाल के तरफ पायी जाती है।
मछली पालन में कितना खर्च आता है?
अगर आप 1 हेक्टेयर तालाब से मछली पालन की शुरुआत करेंगे तो आपको लगभग 5 लाख के आसपास का खर्च आएगा। इन खर्चों पर सरकार सहायता भी करती है जिसमें केंद्र सरकार आधा यानी कि 50% और राज्य सरकार 25% मदद करती है, तो ऐसे में मछली पालन करने के लिए एक व्यापारी को सिर्फ 25% देना होता है।
और अंत में
समुद्री मछली की बढ़ती मांग को पूरा करने के साथ-साथ जंगली मछली की आबादी को संरक्षित करने के लिए मछली पालन आज के दौर में सर्वश्रेष्ठ और लोकप्रिय तरीका बन गया है। मछली पालन मानव उपभोग के लिए उच्च गुणवत्ता वाली मछली का उत्पादन करने का एक स्थायी और कुशल तरीका प्रदान करता है।
आधुनिक तकनीक और तकनीकों के उपयोग से, किसान अपने संचालन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हुए अपनी मछलियों के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित कर सकते हैं। मछली पालन में स्थानीय समुदायों को आर्थिक लाभ प्रदान करने और दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा में सुधार करने की क्षमता है।
हालाँकि, कृषि के किसी भी रूप की तरह, मछली पालन की अपनी चुनौतियाँ और सीमाएँ हैं, और इसकी दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए इसे सावधानीपूर्वक प्रबंधित किया जाना चाहिए। कुल मिलाकर, जब जिम्मेदारी से और उचित निरीक्षण के साथ किया जाता है, तो मछली पालन दुनिया की बढ़ती भोजन की आवश्यकता को पूरा करने में एक मूल्यवान उपकरण हो सकता है।