जीएसटी r1 क्या है और इसे कैसे फाइल करें, जानें आसान तरीका

जीएसटी r1 क्या है और इसे कैसे फाइल करें, जानें आसान तरीका

जीएसटी के नियमों का पालन करने के लिए, जीएसटी शासन के सभी हिस्सों के लिए जीएसटी रिटर्न दाखिल करना महत्वपूर्ण है। फिर जब बात रिटर्न्स की हो तो यह जानना बहुत आवश्यक है कि जीएसटी r1 क्या है और क्यों आवश्यक है। 

रिटर्न में आय का विवरण स्पष्ट होता है जो सरकार को भुगतान करने के लिए आपको आवश्यक टैक्स की राशि की गणना करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि यदि आप जीएसटी रिटर्न दाखिल करना चाहते हैं तो आपको बिक्री और खरीद के लिए जीएसटी के अनुसार इनवॉइस की आवश्यकता होगी। 

जब टैक्स को भरने की बात आती है, तो GSTR 1 सबसे महत्वपूर्ण रूपों में से एक है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जीएसटी r1 के तहत आपके द्वारा फाइल की गई जानकारी का उपयोग अन्य सभी फॉर्मों के लिए आधार है। जीएसटी r1 क्या है यह बेहतर ढंग से समझने के लिए पढ़ें।

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 जीएसटी r1 क्या है

जीएसटी r1 एक प्रकार का रिटर्न है जो सभी पंजीकृत डीलर्स के द्वारा दाखिल किया जाता है। कोई भी पंजीकृत डीलर यदि वस्तुओं या सेवाओं को बाहर सप्लाई करता है तो जीएसटी r1 के तहत पूरी जानकारी रखी जाती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जीएसटी r1 मासिक/त्रैमासिक रिटर्न है जो अन्य जीएसटी रिटर्न फॉर्म का आधार भी है। 

चूंकि जीएसटी r1 बाकी सभी जीएसटी रिटर्न्स का आधार है इसलिए इस रिटर्न को बहुत ही सावधनी के साथ जमा कारण चाहिए ताकि कोई भी चूक ना हो। 

जीएसटी r1 किसको जमा करना आवश्यक है?

जैसा कि हमने ऊपर बताया कि सभी पंजीकृत डीलर द्वारा अनिवार्य रूप से जमा किया जाना चहिए। अगर आप ऐसे पंजीकृत डीलर हैं जिसका लेनदेन महीने या तीन महीने में बिल्कुल भी नहीं हुआ हो ऐसे में भी आपको मासिक या त्रैमासिक रिटर्न जमा कराना अनिवार्य है।

साथ ही अगर आपके व्यापार का वार्षिक कारोबार 1.5 करोड़ या उससे कम है तो आपको साल में 4 बार यानी हर तीन महीनों में जीएसटी r1 जमा करना होगा और अगर आपका वार्षिक कारोबार 1.5 करोड़ से ज्यादा है तो आपको साल में बारह बार यानी हर महीने जीएसटी r1 जैम कारण होगा।

अगर आप एक पंजीकृत डीलर हैं और कम्पोजीशन स्कीम के अंतर्गत पंजीकरण करवाएं हैं तो आपको हर तीन महीने में जीएसटी r1 और जीएसटी r3 फ़ाइल करना होगा। 

हालांकि कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें इस रिटर्न से पूर्णतः छूट मिली है, उन सभी का विस्तार से विवरण नीचे दिया गया है: 

  • इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर 
  • कम्पोजीशन डीलर
  • नॉन-रेजिडेंट जो टैक्स देता हो
  • ऐसा व्यक्ति जो स्त्रोत पर टैक्स काट रहा हो
  • ऐसा व्यक्ति जो स्त्रोत पर टैक्स जमा कर रहा हो जैसे नॉन-एजेंट ई-कॉमर्स ऑपरेटर 
  • ऑनलाइन इन्फॉर्मेशन और डाटाबेस एक्सेस या रिट्रीवल सर्विसेज का सप्लायर 
  • जीएसटी r1 रिटर्न जमा करने के लिए जरूरी दस्तावेज
  • GSTIN नंबर
  • सरकारी जीएसटी पोर्टल में दाखिल होने के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड 
  • डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट
  • अगर आप ई-फॉर्म पर साइन करने वाले हैं तो आधार कार्ड का नंबर
  • आधार कार्ड में लिखा हुआ मोबाइल नंबर 

जीएसटी r1 में बाहरी आपूर्ति का कौनसा विवरण जमा करना आवश्यक है?

बुनियादी और अन्य विवरण:

  • जीएसटीआईएन(GSTIN)
  • कानूनी नाम और व्यापार का नाम
  • पिछले वर्ष में कुल कारोबार
  • टैक्स अवधि
  • एचएसएन-अनुसार बाहरी आपूर्ति का हिसाब 
  • जारी किए गए दस्तावेजों का विवरण
  • प्राप्त एडवांस/एडवांस जो एडजस्ट हुआ हो

बाहरी सप्लाई का विवरण:

  • बिज़नेस टू बिज़नेस
  • बिज़नेस टू कस्टमर
  • जीरो रेटेड और मानी गयी निर्यात
  • पूर्व अवधि के लिए संशोधन
  • शून्य रेटेड/छूट/गैर जीएसटी
  • जारी किए गए डेबिट/क्रेडिट नोट की विस्तृत जानकारी 

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जीएसटी r1 फ़ाइल करने का आसान तरीका 

नीचे हमने कुछ स्टेप्स बताए हैं जिसके सहारे आप आसानी से जीएसटी r1 फ़ाइल कर सकते हैं: 

जीएसटी r1 फ़ाइल करने का आसान तरीका 
  • Step 1 – सबसे पहले जीएसटी पोर्टल में यूजर आईडी और पासवर्ड के द्वारा लॉगिन करें 
  • Step 2 – दिए गए सर्विस श्रेणी में रिटर्न डैशबोर्ड पर जाएं
  • Step 3 – रिटर्न डैशबोर्ड पर अपना फाइनेंसियल ईयर/महीना चुनें 
  • Step 4 – उसके बाद जीएसटी r1 पर क्लिक करें 
  • Step 4 – फिर 2 विकल्पों (ऑनलाइन रिटर्न बनाना या अपलोड करना) में से एक चुनें 
  • Step 5 – आप अपने बिल या तो अपलोड कर सकते हैं या इसमें जोड़ सकते हैं। 
  • Step 6 – इन सभी जानकारी को पूर्णतः जांचने के बाद सबमिट पर क्लिक करें 
  • Step 7 – फिर फ़ाइल जीएसटी r1 में जाकर डिजिटल साइन पर क्लिक करें 
  • Step 8 – इसके बाद एक ARN नंबर जनरेट होगा जिससे आप जीएसटी r1 ट्रैक कर सकते हैं

जीएसटी r1 भरते समय ध्यान रखने योग्य बातें 

वैसे तो हर रिटर्न भरने के अपने पहलू होते हैं और सबका अपना महत्व है लेकिन जीएसटी r1 भरते समय नीचे उल्लेखित 6 बातों को ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है:

1. GSTIN व HSN कोड 

अगर आप एक पंजीकृत डीलर हैं तो आपको यह कोड बहुत ही ध्यान से जीएसटी r1 में भरना है क्योंकि अगर कोई भी संख्या गलत हुई तो आपका रिटर्न सिरे से खारिज कर दिया जाता है मतलब सरकार द्वारा आपका रिटर्न मान्य नहीं होगा। 

2. सही केटेगरी 

जीएसटी r1 फ़ाइल करते वक़्त यह अत्यंत आवश्यक है कि आपको पता हो कि आपका लेनदेन किस श्रेणी में आता है, वह एक ही राज्य के अंदर वाले लेनदेन हैं या दो राज्य वाली श्रेणी।

3. इनवॉइस/बिल/चालान 

रिटर्न जमा करने से पहले यह ध्यान रखें कि आपने सही बिल/चालान/इनवॉइस जमा किया है क्योंकि अगर अपने जीएसटी r1 दाखिल कर दिया उसके बाद बिल में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं हो सकता।

4. जगह का बदलाव 

अगर आप अपने व्यापार और सप्लाई के केंद्र को एक राज्य से दूसरे राज्य बदलते हैं तो आपको एसजीएसटी का भुगतान अनिवार्य रूप से करना होगा।

5. डिजिटल सिग्नेचर 

अगर आप LLPs या FLLPs हो तो आपको जीएसटी r1 के साथ डिजिटल सिग्नेचर आवश्यक रूप से जमा करना होगा। 

6. ई-साइन 

यदि आप पार्टनरशिप, प्रोपराइटर या HUF हो तो आप आसनी से ई-साइन कर सकते हो।

जीएसटी r1 में बदलाव कैसे करें 

  1. जीएसटी पोर्टल में जाएं 
  2. लॉगिन करने के बाद जीएसटी r1 पर जाएं 
  3. अलग अलग श्रेणियों में वहां जाएं जहां आपको सुधार/बदलाव करना है 
  4. बिल, क्रेडिट या डेबिट नोट में बदलाव करें 
  5. फाइनेंसियल ईयर और बिल नंबर में भी चाहें तो बदलाव कर सकते हैं

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जीएसटी r1 की लेट फीस 

आमतौर पर जीएसटी r1 का विलंब शुल्क 50 रुपये प्रतिदिन है लेकिन अगर आपका निल रिटर्न है तो 20 रुपये प्रतिदिन है। यह लेट फीस आपके जमा करने की तारीख निकल जाने के बाद से लेकर जब जीएसटी r1 जमा की गई उसके बीच लगेगी। 

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Lio App कैसे मदद कर सकता है

लियो आपके व्यवसाय और जीएसटी से संबंधित डाटा को इनवॉइस, डेबिट नोट्स या क्रेडिट नोट्स सहित व्यवस्थित करने के लिए एक सहायक एप्प है। यह एक मोबाइल एकीकृत एप्प है जो कुछ मूल्यवान और दैनिक आवश्यक दस्तावेजों को आसानी से खोजने में मदद करता है क्योंकि आप उन्हें एक ही स्थान पर एकत्र कर सकते हैं।

जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए इसकी टैक्स योग्य राशि होने के नाते यह आपको प्रत्येक श्रेणी के लिए डाटाशीट और टेम्पलेट प्रदान करता है। यह एक सुरक्षित एप्प है जो आपके डाटा को बचाता है और आपके व्यवसाय को प्रबंधित करने में मदद करता है।

अभी तक लियो एप्प डाउनलोड नहीं किया है? यहां बताया गया है कि आप लियो एप्प से कैसे शुरुआत कर सकते हैं।

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Step 2: Lio में फ़ोन नं. या ईमेल द्वारा आसानी से अपना अकॉउंट बनाएं। 

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 जिसके बाद मोबाइल में OTP आएगा वो डालें और गए बढ़ें।

Step 3: अपने काम के हिसाब से टेम्पलेट चुनें और डाटा जोडें। 

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Step 4: इन सब के बाद आप चाहें तो अपना डाटा शेयर करें। 

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और अंत में 

जैसा कि हमने इस लेख में जीएसटी r1 क्या है और उससे जुड़ी सभी जानकारी दे दी है, अब आपको यह तो पता चल गया होगा कि जीएसटी r1 क्या है और यह रिटर्न क्यों इतना आवश्यक है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या GSTR1 फाइल करना जरुरी है?

ऐसे व्यापारी जिनकी व्यापक आय 2,50,000 रुपये से अधिक है उन्हें GSTR1 के तहत रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है।

GSTR1 और GSTR2 एक दूसरे से कैसे अलग हैं?

GSTR1 पंजीकृत व्यक्तियों द्वारा दायर वस्तुओं या सेवाओं की जावक आपूर्ति का मासिक विवरण है, GSTR2 रिटर्न पिछले महीने के किसी बिंदु पर एकत्र किए गए इनपुट से इनपुट टैक्स क्रेडिट की प्राप्ति को दर्शाता है।

GSTR1 के लिए विलंब शुल्क क्या है?

GSTR1 दाखिल नहीं करने पर जुर्माना या विलंब शुल्क 200 रुपये प्रति दिन है जिसमें CGST अधिनियम के लिए 100 रुपये और SGST अधिनियम के लिए 100 रुपये शामिल हैं।

एचएसएन समरी क्या कहलाती है?

जीएसटी r1 दाखिल करते समय एचएसएन कोड के अनुसार आपको सामान की गिनती, यूनिट और रुपयों के मुताबिक अलग-अलग श्रेणियों में दाखिल करना होगा।

क्या शून्य लेनदेन पर भी जीएसटी r1 जमा करना होगा?

जीएसटी r1 फाइल करना सभी पंजीकृत डीलर्स के लिए अनिवार्य है भले ही शून्य लेनदेन हुआ हो।

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